Menu

Saturday 3 January 2015

वो दोस्त था पर फिर भी | We Were Friends

वो दोस्त था पर फिर भी
कुछ लम्हों के बाद ही उसका यकीन टूट गया
वो जरा सी बात पर ही रूठ गया
वो दोस्त था फिर भी

बात बात पर उसकी ऊँगली मेरी और उठने लगी
उसकी नजरों में औकात मेरी घटने लगी
उसपर सब से ज्यादा हक़ हुआ करता था
अब मेरी दोस्ती ही बंटने लगी
वो दोस्त था फिर भी।।।।
ग़लतफहमी उसके मन में पल गई
सारी की सारी फीलिंग्स दिल से निकल गई
कोई दिन उससे लडे बिन न गुजरा
आज शाम उसके बिन ढल गई
वो दोस्त था फिर भी।।।।।
मेरा कांटेक्ट नम्बर भी उसने डिलीट कर दिया शायद
FB पर भी उसने मुझे ब्लैकलिस्ट कर दिया शायद
मुझसे ही सीखा था दुनिया से लड़ने का हुनर
अब वो ही हुनर मुझपर फिट कर दिया शायद।।।
वो दोस्त था फिर भी।।।।
मेरी बाते कितनी जल्दी उसके दिल से निकल गयी है
उसकी आदते भी अब कितनी बदल गई हैं
दिल को आराम मिलता था उसके होने से
अब उसकी वो प्यारी बातें भी धुल मे मिल गई है।
वो दोस्त था फिर भी।।।

No comments:

Post a Comment